Wednesday, January 31, 2018

ادارہ، عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری *We present 138th Unique international Program* ساحر لدھیانوی ایوارڈ




ادارہ، عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری
رپوٹر

आलमी बेस्ट उर्दू पोएट्री ग्रुप के तत्वाधान में इंटरनेशनल ऑनलाइन मुशायरे का आयोजन ।
अमीन जसपुरी को मिला "साहिर लुध्यानवी पुरुस्कार "
मुरादाबाद ।बीते शनिवार को आलमी बेस्ट उर्दू पोएट्री ग्रुप की जानिब से 138वे इंटरनेशनल ऑनलाइन मुशायरे का आयोजन किया गया।काफी लंबे समय से इस ऑनलाइन ग्रुप को चैयरमेन तौसीफ तर्नल (हांगकांग)बहुत ही कामयाब तरीके से चला रहे हैं उन्होंने ग्रुप के सभी साथियों को इस शानदार प्रोग्राम की कामयाबी पर बधाई देते हुए बताया कि ये दुनिया का पहला शायरी  ग्रुप है जिसमे शायरों की ग़ज़लों पर तनक़ीद भी की जाती है इस ग्रुप में देश विदेश से सेकड़ो युवा और उस्ताद शायर जुड़े हैं जो अपना क़लाम इस ग्रुप में पेश करते हैं और ग्रुप में मौजूद जजेज़ कमेटी से दाद ओर पुरुस्कार दोनो पाते हैं शायरों में मुख्य रूप से मुख्तार तिलहरी(भारत),ज़िया शादानी(भारत),अरशद मो अरशद ( पाकिस्तान),हमराज़ ओछी (पाकिस्तान),अशरफ अली अशरफ (पाकिस्तान),डॉ बुलंद इक़बाल नियाज़ी (भारत),तौसीफ तर्नल (हांगकांग),अमीन जसपुरी (भारत),अनवर कैफ़ी( भारत),डॉ मीना नक़वी (भारत),नफीस अहमद नफीस (भारत),अर्सलान फैज़ (पाकिस्तान),शकील अंजुम (भारत),यूसुफ रज़ा (भारत),इत्यादि शायरो ने अपने अपने क़लाम ने नवाज़ा।
प्रोग्राम के अंत में जजेज़ कमेटी में शामिल मुख्तार तिलहरी ,ज़िया शादानी,अनवर कैफ़ी,अहसन लखनवी ,मीना नक़वी ने अमीन जसपुरी को साहिर लुधयानवी पुरुस्कार से सम्मानित किया ।
प्रोग्राम की अध्यक्षता डॉ बुलंद इक़बाल नियाज़ी और संचालन मुख्तार तिलहरी ने किया शाम 7 बजे शुरू हुई ये बेहतरीन महफ़िल देर रात तक चलती रही ।आखिर में चैयरमेन तौसीफ तर्नल ने सभी शायरों ओर ग्रुप के साथियों का प्रोग्राम की कामयाबी पर शुक्रिया अदा किया।

kamran zia India news reporter
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program report in Hindi language translation by   DrSiraj Gulaothwi From India 

*✒रिपोर्ट✒* 
नफ़ीस अहमद नफ़ीस, (भारत)

*✒हिंदी तजॅमा✒* 
डॉ सिराज गुलावठवी इंडिया

''एक शाम डॉ सिराज गुलावठवी के नाम '' 

अमीन जसपुरी को मिला (साहिर लुधियानवी) एवार्ड 

इदारा, आलमी बेस्ट उर्दू पोइटरी, यक़ीनन दौर ए हाजि़र में दुनिया का वाहिद इदारा है जो इस इलेक्ट्रॉनिक तरक्की याफ़ता ज़माने में शायरों, अदीबों, और उर्दू साहित्य के लेखकों की ज़हनी परवरिश करता है और नये नये अदबी प्रोग्राम का आयोजन करता रहता है। यह इस संस्था की पहली खूबी है कि यहाँ प्रोग्राम बिना भेदभाव के व आलोचना के साथ किये जाते हैं जनाब तौसीफ़ तरनल साहब जो कि इस संस्था के संस्थापक एवं चेयरमैन हैं, की अनथक मेहनत का नतीजा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिनांक 3, फ़रवरी 2018 बरोज़ हफ़्ता 138वां प्रोग्राम 'अॉन लाइन तरही मुशायरा( एक शाम डा सिराज गुलावठवी, इंडिया, के नाम)  का आयोजन किया गया इस अन्तरराष्ट्रीय आॅन लाइन तरही मुशायरे में सब से अच्छी ग़ज़ल के लिये (साहिर लुधियानवी एवार्ड) का ऐलान किया गया था। मुशायरे की साझा सदारत मुहतरम अमीन जसपुरी साहब, इंडिया व डॉ बुलंद इक़बाल न्याज़ी साहब, इंडिया ने की जबकि मेहमानाने खु़सूसी मुहतरमा गुले नसरीन साहिबा, मुहतरमा अरवा सजल साहिबा, पाकिस्तान, और मेहमाने ऐज़ाज़ी मुहतरमा सीमा गौहर साहिबा, इंडिया,व मुहतरमा  जहाँ आरा तबस्सुम साहिबा, पाकिस्तान, थीं। निज़ामत के फ़राइज़ मुहतरम मुख्तार तिलहरी साहब इंडिया ने बहुत खूबसूरती से अंजाम दिये। 
मुशायरे की शुरुआत अल्लाह पाक की हमदो सना से की गई जिस के लिए नफ़ीस अहमद नफ़ीस नांदोरवी, इंडिया, को आवाज दी गई 
नज़र चार सू आये रहमत ख़ुदा की 
दो आलम पै छाई इनायत ख़ुदा की 
ज़रा मन की आंखों को खोलो तो जानो
हर इक शै से ज़ाहिर है कु़दरत ख़ुदा की 
नफ़ीस अहमद नफ़ीस नांदौरवी 

रसूल अकरम (स अ व) की शान में नाते पाक का नज़ाराना पेश किया गया 

सर झुकाना फ़र्ज़ है बेशक ख़ुदा के सामने 
सर उठाना कब रवा है मुस्तफा़ के  सामने 
दिल की कैफ़ियत बयां मुख्तार मैं कैसे करूँ 
हेच हैं अलफ़ाज़ सब दिल की सदा के सामने 
मुहतरम मुख्तार तिलहरी साहब, इंडिया 

सभी शायरों ने इदारा की तरफ से दिया गया मिसरा 
'कहॉ से ढूंढ कर लायें मुहब्बत '
पर अपना अपना कलाम पेश किया, नमूने के तोर पर अश्आर हाजिर है 

हो जैसा भी मयस्सर साज़े हस्ती । 
बुलन्द इकबाल बस गायें मुहब्बत।। 
मुहतरम बुलन्द इकबाल न्याज़ी साहब ( इंडिया ) 

कहीं से हम अगर पायें मुहब्बत । 
तो वाजिब है कि लौटायें मुहब्बत।। 
मुहतरम अमीन जसपुरी  साहब (इंडिया) 

जो हैं महरूम अक्सर सोचते हैं । 
कहीं से हम भी पाजायें मुहब्बत ।। 
डॉ सिराज गुलावठवी  साहब (इंडिया) 

बहुत बेलौस जज़्बा है ये 'अरवा'। 
तो फिर क्यूं कर के जतलायें मुहब्बत।। 
मुहतरमा अरवा सजल साहिबा ( पाकिस्तान) 

तबस्सुम वो दिलों के बादशाह हैं। 
' तबस्सुम 'पर जो बरसायें मुहब्बत।। 
मुहतरमा जहाँ आरा तबस्सुम साहिबा (पाकिस्तान) 

तअससुब का है ये ' मुख्तार 'सहरा। 
कहाँ तक हम भी बरसायें मुहब्बत ।। 
मुहतरम मुख्तार तिलहरी साहब (इंडिया ) 

' अमीन' इन ख़ार सिफफ़त बस्तियों में। 
खिलायें ज़ख़्म महकायें मुहब्बत।। 
मुहतरम अमीन ऐडराई साहब ( पाकिस्तान) 

ग़रज़ क्या बादा व साग़र से 'मीना' । 
चलो आंखों से छलकायें मुहब्बत।। 
मुहतरमा डा मीना नक़वी साहिबा (इंडिया ) 

चलो 'तालिब' मियाँ हम भी किसी दिन। 
जबीं पै अपनी गदवायें मुहब्बत।। 
मुहतरम तालिब हाशमी साहब ( इंडिया ) 

करो तसख़ीर दिल 'हमराज़' सब के। 
तो फिर धीरे से सिखलायें मुहब्बत ।। 
मुहतरम हमराज़ ओचवी साहब (पाकिस्तान) 

'ज़िया' हम तो फ़क़त ये चाहते हैं। 
कि हर इक दिल में भर जायें मुहब्बत।। 
मुहतरम ज़िया शादानी साहब  (इंडिया) 

रहे इख़लास के राही हैं 'अंजुम' । 
जो आयें पास वो पायें मुहब्बत।। 
मुहतरम शकील अंजुम साहब ( इंडिया )

चलो सब मिलके महकायें मुहब्बत। 
ज़माने भर में फैलायें मुहब्बत।। 
मुहतरम यूसुफ रज़ा साहब (इंडिया) 

फ़लक को कोन फिर देखेगा 'असग़र'। 
ज़मीं पर हम जो फैलायें मुहब्बत।। 
मुहतरम असग़र शमीम साहब (इंडिया) 

ये है' अरशद 'असासा ज़िंदगी का। 
किसी की नाम लिखवायें मुहब्बत।। 
मुहतरम अरशद महमूद अरशद साहब ( पाकिस्तान) 

जिन्हें अपना समझता हूँ मैं' अनवर' । 
वो क्यूं गैरों पै बरसायें मुहब्बत।। 
मुहतरम अनवर कैफ़ी साहब (इंडिया) 

मुझे घेरा हुआ है नफरतों ने। 
न दांये है न है बांये मुहब्बत।। 
मुहतरम अशरफ अली अशरफ (पाकिस्तान) 

करो तसख़ीर दिल 'हमराज़' सब के। 
तो फिर धीरे से सिखलायें मुहब्बत।। 
मुहतरम हमराज़ ओचवी (पाकिस्तान) 

फकत होठों तलक न फैज रखना। 
चलो दिल तक भी फैलायें मुहब्बत।। 
मुहतरम अरसलान फैजी (पाकिस्तान) 

बहुत लोग साहिल को अपना बता ते। 
चलो हम भी इस से जतायें मुहब्बत।। 
मुहतरम साहिल तिमापुरी (इंडिया ) 

रहे इखलास के राही हैं 'अंजुम'। 
जो आयें पास वो पायें मुहब्बत।। 
मुहतरम शकील अंजुम (इंडिया) 

प्रोग्राम के बीच में डा सिराज गुलावठवी जिनके नाम आज की शाम मंसूब की गई थी का तअरूफ़, उन की अदबी ख़िदमात व उनका नमूना ए कलाम पेश किया गया। 
प्रोग्राम में जनाब मुख्तार तिलहरी साहब ने अपने मखसूस अन्दाज़ ए निज़ामत से न सिर्फ सब का दिल मोह लिया बल्कि प्रोग्राम को भी चार चांद लगा दिए। 
आख़िर में जजिज़ कमेटी में शामिल मुहतरम मुख्तार तिलहरी साहब, मुहतरम अहसान लखनवी साहब, मुहतरम ज़िया शादानी साहब, मुहतरमा मीना नक़वी साहिबा,मुहतरम अनवर कैफ़ी साहब ने फि़क्र ओ फ़न के ऐतबार से उम्दा तरही कलाम का ऐलान किया जिस का हकदार मुहतरम अमीन जसपुरी साहब (इंडिया) को क़रार दिया गया और उनको '' साहिर लुधियानवी एवार्ड '' से नवाजा़ गया। 
मुशायरे में शामिल शोर इकराम का कलाम पढ़ने और सुनने से अन्दाजा हुआ कि जहाँ रिवायत के सांचे में ढलने वाले और मुश्किल लै पर सर धुनने वाले मैदान ए शायरी में रक़स कुनां हैं, तो वहीं आज के इस इनहमाकी दौर में शौरा ए आलम को एक जामा प्लेट फ़ार्म पर मुनजमिद करने वाले नीज़ हौसला अफ़ज़ाई के साथ उन्हें असनाद ए अदब से नवाज़ने वाले इदारे के बानी व चेयरमैन मुहतरम तौसीफ़ तरनल साहब जैसे अदब के दीवाने भी हाज़िर हैं 
मुशायरा देर रात तक कामयाबी। के साथ चला आखिर में सदर मुशायरा ने सभी शोरा को मुशायरे की कामयाबी की मुबारकबाद पेश की और तमाम हाजरीन का शुक्रिया अदा किया और मुशायरे के खत्म होने का ऐलान किया 

*✒रिपोर्ट✒* 
नफ़ीस अहमद नफ़ीस, (भारत)  

*✒हिंदी तजॅमा✒* 
डॉ सिराज गुलावठवी इंडिया


*🖌رپورٹ
*🖌نفیس احمد نفیسؔ ناندوروی(انڈیا)...*

* ادارہ، عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری*, یقیناََ دورِ حاضر میں دنیا کا واحد ادارہ ہے جو اس برقی ترقی یافتہ دور میں شعراء, ادباء و مصنفینِ زبانِ اردو ادب کی ذہنی آبیاری کرتا ہے اور نئے نئے لسانیاتی پروگرامس منعقد کرتا ہے... ادارۂ ھٰذا کی اوّلین خصوصیت یہ ہے کہ اس میں تمام پروگرامس بلا تفاوت نیز برائے تنقید کئے جاتے ہیں... *جذبئہ توصیفی نے کامیابی کے اس سفر کو مزید آگے بڑھاتے ہوئے، بین الاقوامی سطح پر مورخہ، ٣-فروری ٢۰١٨، بروز سنیچر، ١٣٨واں پروگرام، بنام "آنلائن طرحی مشاعرہ (ساحر لدھیانوی ایوارڈ)" کے ذریعہ بہترین ادبی کارنامہ سر انجام دیا ہے۔* اس عالمی آنلائن طرحی محفلِ مشاعرہ کے صدور محترم امین جسپوری صاحب، ڈاکٹر بلند اقبال نیازی صاحب (انڈیا)، مہمانانِ خصوصی محترمہ گل نسرین صاحبہ، محترمہ ارویٰ سجل صاحبہ (پاکستان) اور مہمانانِ اعزازی محترمہ سیما گوہر صاحبہ (انڈیا)، محترمہ جہاں آراء تبسّم صاحبہ (پاکستان) رہیں... نیز جنابِ محترم مختار تلہری صاحب (انڈیا) نے اپنے منفرد لب ولہجہ اور دَمدار اندازِ نظامت سے محفلِ مشاعرہ میں چار چاند لگا دیئے... مشاعرہ کا باقائدہ آغاز ربِّ ذوالجَلال کی پاک وشفّاف حَمد وثنا کے ساتھ بندہء ناچیز نفیس احمد نفیسؔ ناندوروی (انڈیا) نے کچھ یوں کیا...کہ

نَظر  چار  سُو  آ ئے  رَحمت  خُدا  کی
دو عالَم  پہ  چھائی عِنایت  خُدا  کی
ذرا مَن کی آنکھوں کو کھولو تو جانو
ہر اک شئے سے ظاہر ہے قدرت خُدا کی
*نفیس احمد نفیسؔ ناندوروی (انڈیا)*

اور رَسولِ اکرم نُور مُجسّم محمّدﷺ کی شانِ اقدس میں نعتیہ کلام کا نذرانۂ عقیدت محترم مختار تلہری صاحب (انڈیا) نے پیش کیا...

سَر جُھکانا فرض ہے بیشک خُدا کے سامنے
سَر اُٹھانا کب رَوا ہے... مُصطفٰی کے سامنے
دِل کی کیفیت بیاں مختار میں کیسے کروں
ہیچ ہیں الفاظ سب دِل کی صَدا کے سامنے
*محترم مختار تلہری (بھارت)*

*پروگرام کے تحت شعرائے عالم نے ادارے کی جانب سے تجویز کردہ طرحی مصرع "کہاں سے ڈھونڈ کر لائیں محبّت" پر مختلف النوع افکار وخیالات کے ذریعہ طبع آزمائی کرتے ہوئے اپنے کلامِ بلاغت سے محفلِ مشاعرہ کو فائزالمرامی عطا کی۔۔۔ نمونئہ کلام۔۔۔*

ہو جیسا بھی میسر ساز ہستی
بلند اؔقبال بس گائیں محبت
*محترم بلند اقبال نیازی(بھارت)*

مجھے گھیرا ہوا ہے نفرتوں نے
نہ دائیں  ہے نہ ہے بائیں محبت
*محترم اشرف علی اشرف(پاکستان)*

کرو تسخیر دل ہمراز سب کے 
تو پھر دھیرے سے سکھلائیں محبت
*محترم ہمراز اوچوی (پاکستان)*

فقط ہونٹوں تلک نہ فیض رکھنا 
چلو دل تک بھی پھیلائیں محبت
*محترم ارسلان فیض(پاکستان)*

بہت  لوگ  ساحل  کو اپنا  بتاتے
چلو ہم بھی اس سے جتائیں محبت
*محترم ساحل تماپوری(بھارت)*

رَہِ اخلاص کے راہی ہے انجم 
جو آئیں پاس وہ پائیں محبت
*محترم شکیل انجم (بھارت)*

چلو سب مل کے مہکائیں محبت 
زمانے بھر میں پھیلائیں محبت
*محترم یوسف رضا (بھارت)* 

بہت بے لوث جذبہ ہے یہ ارویٰ 
تو کیوں پهر کر کے جتلائیں محبت
*محترمہ ارویٰ سجل*

فلک کو کون پھر دیکھے گا اصغر 
زمیں پر ہم جو پھیلائیں محبت 
*محترم اصغر شمیم (بھارت)*

جو ہیں محروم اکثر سوچتے ہیں 
کہیں سے ہم بھی پاجائیں محبت 
*محترم ڈاکٹر سراج گلاٹھوی(بھارت)* 

چلو طالب میاں ہم بھی کسی دن
جبیں پر اپنی گدوائیں محبت
*محترم طالب ہاشمی(بھارت)*

غرض کیا بادہ و ساغر سے "مینا" 
چلو آنکھوں سے چھلکائیں محبت
*محترمہ ڈاکٹر مینا نقوی(بھارت)*

ضیاء ہم تو  فقط یہ چاہتے ہیں 
کہ ہر اک دل میں بھرجائیں محبت
*محترم ضیاء شادانی (بھارت)*

تبسم   وہ   دلوں   کے بادشاہ  ہیں 
تبسم    پر    جو   برسائیں  محبت
*محترمہ جہاں آراء تبسّم(پاکستان)*

یہی ارشد اثاثہ زندگی کا 
کسی کی نام لکھوائیں محبت
*محترم ارشد محمود ارشد(پاکستان)*

امین ان خار صفّت بستیوں میں 
کھِلائیں  زخم  مہکائیں   محبت
*محترم امین اڈیرائی (پاکستان)*

کہیں سے ہم اگر پائیں محبّت
تو واجب ہے کہ لوٹائیں محبّت
*محترم امین جسپوری*

تعصب  کا  ہے  یہ  مختار  صحرا
کہاں تک ہم بھی برسائیں محبت
*محترم مختار تلہری(بھارت)*

جنہیں اپنا سمجھتا ہوں میں 'انور'
وہ کیوں غیروں پہ برسائیں محبت
*محترم انور کیفی (بھارت)*

پروگرام کے آخر میں ججیز کمیٹی میں شامل
محترم مختار تلہری صاحب، محترم انور کیفی صاحب، محترم احسن لکھنوی صاحب، محترم ضیاء شادانی، محترمہ ڈاکٹر مینا نقوی (انڈیا)  نے بہ اعتبارِ فکروفن عمدہ طرحی کلامِ کا اعلان کیا... جس کے تخلیق کار محترم امین جسپوری صاحب تھے جنھیں *ساحر لُدھیانوی ایوارڈ* سے نوازہ گیا...

محفلِ ھٰذا نے، نہ صرف ادب و ثقافت کو جلا بخشی بلکہ دشمنانِ ادب کو باخبر کرادیا کہ *دورِ حاضر بھی اپنے زمرہء ادب میں ایسے شعراء و ادباء کو اپنے سَر کا تاج بنائے ہوئے ہے جن کی کہنہ مشقی سے ادب کی دقیق اصناف بھی ماہِ کامل کی طرح روشن ہو اٹھتیں ہیں۔۔۔۔* مشاعره میں شامل شعراء کا کلام پڑھنے سے پتہ چلا کہ جہاں روایت کے سانچے میں ڈھلنے والے اور مشکل لے پر سر دھنّے والے میدانِ شاعری میں رقص کناں ہیں، تو وہی آج کے اس انہماکی دور میں شعرائے عالم کو ایک جامع پلیٹفارم پر منجمد کرنے والے، نیز حوصلہ افزائی کے ساتھ انھیں اسنادِ ادب سے نوازنے والے، ادارے کے بانی و چئیرمن محترم توصیف ترنل صاحب جیسے ادب کے دیوانے بھی حاضر ہیں۔۔۔

اس تاریخی پروگرام میں شریک تمامی شعرائے عالم نیز رفقائے بزم کو اپنی اور ادارے کی جانب سے مبارکباد پیش کرتا ہوں....

🙏احقر.....🙏
*🖌نفیس احمد نفیسؔ ناندوروی....*
       ضلع,بُلڈانہ,مہاراشٹر(بھارت)۔۔۔

((( اعلان )))))
International program

(( ادارہ، عالمی بیسٹ اردوپوئیٹری))

 کی جانب سے سب سے بہترین کاوش پیش کرنے والے شاعر کو 
*ساحر لدھیانوی ایوارڈ* 
سے نوازا جاۓ گا۔ 
منجانب انتظامیہ ادارہ

اس پروگرام میں پوری دنیا سے شعرا شامل ہو سکتے ہیں 

ادارۂ ھٰذا دنیا کا واحد ادارہ ہے، جو اس برقی ترقی یافتہ دور میں شعراء,ادباء و مصنفینِ زبانِ اردو ادب کی ذہنی آبیاری کرتا ہے اور نئے نئے لسانیاتی پروگرامز منعقد کرتا ہے...

*کہاں سے ڈھونڈ کر لائیں محبت*

لائیں..... قافیہ
محبت.... ردیف

مفاعیلن مفاعیلن فعولن

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تمام حضرات سے گزارش کی جاتی ہے کہ اپنا مطروحہ کلام 1.فروری بروز جمعرات شام 8 بجے تک جناب توصیف ترنل صاحب کے انباکس میں بھیج دیں تا کہ ججز حضرات صحیح فیصلہ سنا سکیں 
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*We present 138th Unique international Program*
International program 

یہ پروگرام بتاریخ03-02-2018 بروز ہفتہ، پاکستانی وقت کے مطابق، شام سات بجے، اور ہندوستانی وقت کے مطابق، شام ساڑھے سات بجے، ان شاءاللہ ، ادارہ کے وائس گروپ میں منعقد ہوگا،  اسی وقت،،، تنقید نگار احباب،،، آن لائن تشریف لاکر غزل کے معائب ومحاسن، پر تنقید پیش فرمائیں گے،

آپ احباب سے بھی مؤدبانہ گزارش ہے، کہ وقتِ مقرہ پر تشریف لاکر پروگرام کو رونق بخشیں، اور ادارہ کو شکریہ کہنے کا موقع عنایت فرمائیں،  کرم ہوگا،

منجانب،    انتظامیہ
(( ادارہ، عالمی بیسٹ اردوپوئیٹری))

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*🌏آرگنائزر🌏*

کبھی کرتا ہے دل ملنے کو آئیں 
ترے آنگن میں پھلائیں محبت
 *توصیف ترنل ہانگ کانگ*

For example 
ججزپینل
محترم مختار تلہری صاحب بھارت 
4

محترم انور کیفی صاحب بھارت
6

محترم احسن لکھنوی صاحب بھارت 
5

محترم ضیاء شادانی۔ مرادآباد۔ انڈیا
5

محترمہ ڈاکٹر مینا نقوی۔۔۔ مراداباد۔۔۔ ۔بھارت
6

Total 26

صدارت 
محترم ڈاکٹر بلند اقبال نیازی صاحب بھارت 

مہمانانِ خصوصی
محترم امین اڈیرائی صاحب پاکستان
محترم طالب ہاشمی برہان پور انڈیا
محترم امین جس پوری بھارت

مہمانانِ اعزازی 
محترمہ سیما گوہر صاحبہ رامپور انڈیا
محترمہ جہاں آراء تبسم صاحبہ کوئٹہ پاکستان
محترم ارشد محمود ارشد صاحب پاکستان 

ادارہ، عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری کے زیرِ اہتمام 
بھارت میں مقیم جدید لب ولہجے کے معروف شاعر ڈاکٹر سراج گلاٹھوی کے ساتھ ایک شام و عالمی طرحی شعری نشست 

نظامت 
محترم مختار تلہری بھارت

رپورٹر.. 
محترم نفیس احمد نفیس ناندوروی صاحب انڈیا

مقالہ
محترم ڈاکٹر سراج گلاٹھوی صاحب بھارت 
محترم ڈاکٹر ارشاد خان صاحب بھارت

حمدِ باری تعالٰی. 
محترم نفیس احمد نفیس ناندوروی صاحب

نعت 
محترم مختار تلہری صاحب بھارت 

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محترم اشرف علی اشرف سندھ پاکستان

محترم ہمراز اوچوی پاکستان

محترم ارسلان فیض صاحب پسرور سیالکوٹ

محترم شکیل انجم صاحب مینا نگری جلگاؤں بھارت

محترم ظہیر ضیاء صاحب بھمبر آزاد کشمیر

محترم رمز جلال آبادی صاحب بھارت

محترمہ اروی سجل صاحبہ چکوال پاکستان

محترم اصغر شمیم، کولکاتا، انڈیا

محترم ڈاکٹر ارشاد خان صاحب بھارت

محترم ڈاکٹر سراج گلاٹھوی صاحب بھارت 

محترمہ ڈاکٹر مینا نقوی صاحبہ بھارت

محترم ضیاء شادانی صاحب بھارت

محترم مختار تلہری بھارت

Thursday, January 25, 2018

ادارہ، عالمی بیسٹ اردوپوئیٹری ،عالمی تنقیدی اجلاس، ( بعنوان ) غزل میں معائب ومحاسن





http://touseefturnal.blogspot.hk/2018/01/blog-post_25.html?m=1

https://touseefturnal.tumblr.com/post/170134000698/اعلان-international-program-for-most

(((( اعلان )))))
International program for most senior poets

(( ادارہ، عالمی بیسٹ اردوپوئیٹری))

 کی جانب سے سب سے بہترین کاوش پیش کرنے والے شاعر کو
*میر تقی میر ایوارڈ*
سے نوازا جاۓ گا۔
منجانب انتظامیہ ادارہ

ہر بار کی طرح اس بار بھی ایک منفرد پروگرام منعقد کرنے جا رہا ہے، ادارہ اس بار ایک،،،، تنقیدی اجلاس، ( بعنوان ) غزل میں معائب ومحاسن،،،،   منعقد کرنے جا رہا ہے، جس میں پوری دنیا سے شعرا شامل ہو سکتے ہیں

ادارۂ ھٰذا دنیا کا واحد ادارہ ہے، جو اس برقی ترقی یافتہ دور میں شعراء,ادباء و مصنفینِ زبانِ اردو ادب کی ذہنی آبیاری کرتا ہے اور نئے نئے لسانیاتی پروگرامز منعقد کرتا ہے...
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*We present 137th Unique international Program*
International program for the best poets

طریقہ یہ ہوگا کہ، غزل میں سے شاعر کا نام اور مقطع، حزف کر کے ،،، تنقید نگاروں،،، کو غزل بھیج دی جائے گی،،، برائے تنقید،،،
یہ پروگرام بتاریخ27-01-2018 بروز ہفتہ، پاکستانی وقت کے مطابق، شام سات بجے، اور ہندوستانی وقت کے مطابق، شام ساڑھے سات بجے، ان شاءاللہ ، ادارہ کے وائس گروپ میں منعقد ہوگا،  اسی وقت،،، تنقید نگار احباب،،، آن لائن تشریف لاکر غزل کے معائب ومحاسن، پر تنقید پیش فرمائیں گے،

آپ احباب سے بھی مؤدبانہ گزارش ہے، کہ وقتِ مقرہ پر تشریف لاکر پروگرام کو رونق بخشیں، اور ادارہ کو شکریہ کہنے کا موقع عنایت فرمائیں،  کرم ہوگا،

منجانب،    انتظامیہ
(( ادارہ، عالمی بیسٹ اردوپوئیٹری))

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*🌏آرگنائزر🌏*
 *توصیف ترنل ہانگ کانگ*

پروگرام آئیڈیا
توصیف ترنل
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*📡 پبلشرز 📡*
محترم عثمان عاطس صاحب پاکستان
*📱ویب سائیٹ📱* onlineurdu.com
کی جانب سے سب سے بہترین کاوش پیش کرنے والے شاعر کو
*پاکستان میں کتابیں ارسال کرنے کا اعلان*

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محترم منظور قادر بھٹی صاحب
(چیف ایڈیٹر عکسِ جمہور رسالہ)
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محترم سردار امتیاز خان صاحب
(چیف ایڈیٹر روزنامہ پرنٹاس اخبار)
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Dr M ragib deshmukh sb
www.scholarsimpact.com
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توصیف ترنل ہانگ کانگ
بانی و چیئرمین
ادارہ,عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری
عالمی ادب فاؤنڈیشن
عالمی ماہنامہ آسمانِ ادب

touseefturnal.blogspot.com

touseefturnal.tumblr.com

https://www.youtube.com/channel/UCvWq7-0Sdc107G-yPpoaOhA
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محترم محمد عبدالقدیر شاہد محمدی سیفی
کی جانب سے سب سے بہترین کاوش پیش کرنے والے شاعر کو
*پاکستان سے شیلڈ شاعرکو ارسال کرنے کا اعلان*
egohater.wordpress.com

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محترم چوہدری جان محمد
روزنامہ لازوال جموں ایڈیشن  بھارت
http://epaper.lazawal.com/index.aspx?page=5

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Ishraq a hashmi sb web developer plus founder CEO of TV East West News

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Graphic designer
 محترم داؤد حسین عطاری
بہاولپور پنجاب پاکستان

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محترمہ ڈاکٹر شہناز مزمل صاحبہ
چئیر پرسن ادب سرائے انٹرنیشنل
کی جانب سے سب سے بہترین کاوش پیش کرنے والے شاعر کو
*گولڈ میڈل کا اعلان*
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علی مزمل کی جانب سے اول آنے والی غزل کے خالق کو غلام محمد قاصر کی کلیات تحفہ دی جاۓ گی۔
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صدور
30-محترم مسعود حساس صاحب کویت
31-محترم شہزاد نیّر صاحب پاکستان

مہمانانِ خصوصی
28-محترم ریاض شاہد بحرین
29-محترم سہیل ثاقب سعودی عرب

مہمانانِ عزازی
25-محترم سعد جمشید کینیڈا
26-محترمہ ثمینہ گل۔ سرگودھا۔ پاکستان
27-محترمہ ڈاکٹر شہناز مزمل۔ لاہور۔ پاکستان

نظامت
 محترم ضیاء شادانی صاحب مرادآباد انڈیا
2-4-6-8-10.....

محترمہ گل نسرین پاکستان
1-3-5-7-9.....

رپورٹ
محترم علی مزمل۔ کراچی۔ پاکستان

مقالہ
 محترم خالد صدیقی صاحب دمام، سعودی عربیہ
محترم ڈاکٹر ارشاد خان بھارت
محترم امیرالدین امیر بیدر۔ کرناٹک۔ انڈیا

ناقدین
محترم سعید اقبال پسروری صاحب لاہور
محترم علی مزمل کراچی پاکستان

مبصرین
محترم مختار تلہری صاحب بھارت
محترم انور کیفی صاحب بھارت

حمد
1-محترمہ ڈاکٹر شہناز مزمل۔ لاہور۔ پاکستان
2-محترم ڈاکٹر نبیل احمد نبیل

نعت
3-محترم ڈاکٹر بلنداقبال نیازی۔ انڈیا

===========================

4-محترم ضیاء شادانی۔ مرادآباد۔ انڈیا

5-محترم شوزیب کاشر۔ راولا کوٹ۔ آزاد کشمیر

6-محترم شاہد اقبال شاہد

7-محترم ثمریاب ثمر۔ انڈیا

8-محترم احتشام حسن (بہاولپور ) پاکستان

9-محترم قاضی جلال۔ شکاگو۔ امریکہ

10-محترم امین جس پوری۔ انڈیا

11-محترم امیرالدین امیر بیدر۔ کرناٹک۔ انڈیا

12-محترم ارشد محمود ارشد۔ سرگودھا۔ پاکستان

13محترم اظہر فراغ۔ بہاولپور۔ پاکستان

14-محترم سہیل احمدصدیقی کراچی

15-محترم احسن لکھنوی بھارت

16-محترم عبدالرزاق ایزد پاکستان

17-مضترم امین اڈیرائی۔ سندھ۔ پاکستان

18محترم علی مزمل۔ کراچی۔ پاکستان

19-محترم سعید اقبال پسروری صاحب لاہور

20-محترم شفاعت فہیم صاحب بھارت

21-محترم مختار تلہری صاحب بھارت

22-محترم شہزاد نیّر صاحب پاکستان

23-محترمہ مہ جبین غزل انصاری انگلینڈ

24-محترمہ نوشی گیلانی۔ آسٹرلیا

25- ڈاکٹر نبیل احمد نبیل۔ لاہور


http://touseefturnal.blogspot.hk/2018/01/blog-post_25.html?m=1
بسم تعالیٰ
رب زدنی علما
مقالہ

ادارہ عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری ہمیشہ سے منفرد پروگرام پیش کرنے کے لیے کوشاں رہا ہے ۔ اس نے نت نئے تجربات کرکے کامیابی کے جھنڈے گاڑے ہیں ، اب ایک سو سینتیسواں سنگ میل عبور کرکے کامیابی کی منزل کی جانب رواں دواں ہے جس کا سہرا عزت مآب توصیف ترنل صاحب کے سر بندھتا ہے ۔ بلا شبہ ان کی ٹیم کی شب وروز کاوشیں کو اگر سراہا نہ گیا تو یہ ان کی حق تلفی ہوگی ۔
پروگرام ہذا ۔۔ بعنوان ،، غزل کے محاسن و معائب ،، اپنے تئیں انفرادیت لیے ہوئے ہے ۔ وہ اس لیکن بھی کہ شعراء کے ایک طبقے نے غزل کو ہمیشہ شجر ممنوعہ سمجھا جس میں ترقی پسند شعراء پیش پیش رہے ۔ بعض نقاد نے غزل پر کھل کر تنقید کی ۔ کلیم الدین احمد نے غزل کو نیم وحشی صنف سخن تک کہہ دیا ۔ جدیدیوں میں ن۔ م راشد نے غیر مقفیٰ شاعری میں بہت سے تجربات کیے ۔ اختر الایمان کا رویہ بھی یوں ہی رہا ۔

مولانا الطاف حسین حالی نے مقدمہ شعر وشاعری میں ، غزل کے محاسن پر ، پرمغز تبصرہ کیا ، باوجود باد مخالف کے خدائے سخن سے لے کر شہنشاہِ تغزل تک ۔ چچا سے لے کر علامہ تک اور ابوالاثر سے لے کر مزدوروں کے شاعر تک ،

سب اسی زلف کے اسیر ہوئے

غزل وہ رنگ ہیں جو سر چڑھ کر بولتا جو اساتذہ کو بھی کف افسوس ملنے پر مجبور کرتا ہے ۔

نہ ہوا پر نہ ہوا میر کا انداز نصیب
تم نے اے داغ بہت زور غزل میں مارا
کہ

سنتے ہیں اگلے زمانے میں کوئی میر بھی تھا

اور ان یہ کوئی بازیچۂ اطفال نہیں ، جگر لخت لخت کرنا پڑتا ،
بقول میر
رنج و غم کتنے جمع کیے تو دیوان ہوا
غزل کی مقبولیت کا ثبوت اس سے بڑھ کر اور کیا ہوسکتا ہے کہ ترقی پسندوں سے جڑے مجروح نے اپنے شعری مجموعہ کا نام ،، غزل ،، رکھا ۔
فیض نے غزل سے فیض حاصل کیا ، قتیل کو غزل نے قتل کیا تو فراز کو سرفرازی ۔ غزل ، ناصر کی ہمیشہ حامی وناصر رہی ۔
دور حاضرہ میں غزل جدید لب و لہجہ لیے کمٹمنٹ سے جڑی صنف سخن سخن ہے جو ادب برائے زندگی کی علمبردار ہے ۔ انسانی مسائل سے بحث کرتی ہے ۔ تلخ حقائق سے روشناس کرتی ہے اس کی پردہ پوشی نہیں ۔ سیاست کو آئینہ دکھتاتی ہے اور غلامانہ ذہنیت کو اکھاڑ پھینکنے کی سعی مسلسل کرتی ہے ۔ جوش، ولولہ ححرکت و عمل کا پیغام لیے غزل نئے سانچے میں ڈھلی ہے ۔
اسی معرکتہ الآرا پیغام کو عام کرنے کی کوشش ، غزل کے نئے مفاہیم ، نئے پیرائے و نئے رنگ وآہنگ کو پیش کرنے کی کاوش ادارے کا نصب العین ہے ۔
ان شاءاللہ یہ پروگرام بھی ایک یادگار پروگرام ہوگا ۔

ڈاکٹر ارشاد خان

بسم اللہ الرّحمٰن الرّحیم
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,مقالہ,,,,,,,,,,,,,,

ادبی تنقید کے اصول

ادبی تنقید کے اپنے اصول اورضابطے ہیں جن کا احاطہ کرنے لئے ایک مکمل کتاب درکار ہے,یہاں نہایت اختصار کے ساتھ ان کا ذکر کیا جا رہاہےاور چند سطور میں صرف اسی کی گنجائش بھی ہے,
فن پارے کو دوپہلووں سے دیکھا اور پرکھا جا سکتا ہے,اس میں کیا پیش کیا گیا ہےاور کس طرح پیش کیا گیا ہے,اس کیا ؟ اور کیسے؟ کے لئے ہماری زبان میں دونام موجود ہیں ,,,مواد اور ہئیت,ان دونوں کا آپس میں جان وتن کاسا رشتہ ہے, انہیں ایک دوسرے سے الگ نہیں کیا جاسکتا لیکن فن پارے کو سمجھنے اور سمجھانے اور اس کی قدر و قیمت کا تعین کرنے کےلئے نقاد انھیں الگ الگ کرکے دیکھنے پر مجبور ہے,
ادبی تنقید کا پہلا کام یہ دیکھنا ہے کہ فن پارے میں جو تجربہ پیش کیا گیا ہے یا یوں کہئے کہ جو جذبہ یا خیال سمویا گیا ہے اس کی کیا اہمیت ہے,جو بات کہی گئی ہے وہ معمولی ہے یا فرسودہ ہے یا تازہ اور فکرانگیز !
ادبی تنقید کا اگلا قدم یہ دیکھنا ہے کہ فنکار اپنے تجربہ کو پُراثر انداز میں پیش کر سکا ہے یا نہیں, کیونکہ پیشکش کا انداز ہی وہ شئے ہے جو کسی فن پارے میں دلکشی پیدا کرتا ہےاور اس کے لئے فنکار کو متعدد فنی وسائل سے کام لینا پڑتا ہے ,
جس طرح مصوّر اپنے تجربہ کو رنگوں کے ذریعے پیش کرتا ہے اسی طرح شاعر یا ادیب اپنے خیالات و جذبات کو لفظوں کے ذریعے پیش کرتا ہے,لفظ ہی اس کا میڈیم یعنی ذریعہ ہوتے ہیں,شعر و ادب محض لفظوں کا کھیل نہیں لیکن فن پارہ الفاظ اور ان کی موزوں ترتیب سے ہی وجود میں آتا ہے اس لئے یہی ادبی تنقید کی خصوصی توجہ کا مرکز رہتے ہیں,,,,,,,,,,,
چیف وبانی توصیف ترنل ادارہ عالمی بیسٹ اردو پوئٹری نے اپنے کارناموں کی نوعیت سے آج برقی دنیا کی افق پر سورج کی طرح جگمگاتے نظر آرہے ہیں اور ساری برقی دنیا میں ان کے پیش کردہ پروگرامز اس قدر منفرد زاویہ سے پھیل چکے ہیں کہ وہ برقی دنیا کے بے تاج بادشاہ کہلانے لگے ہیں,ان ہی پروگرامز کی بدولت ہی ساری دنیا میں اپنی منفرد اور عالی شان شناخت ہوئی ہے,
اس ادارہ کے پروگرامز کی خصوصیت ہےکہ ہر پروگرام تنقیدی ہوتا ہے جس سے شعراء و ادبا و دیگر قلم کار کو سیکھنے سیکھانے کا راستہ ہموار ہوتا ہے ,اس طرح کے پروگرام اس ادارہ کے علاوہ اور کسی گروپ میں منعقد نہیں ہوتے, دیگر گروپ میں صرف واہ واہ کے پروگرام ہوتے ہیں مگر ادارہ ہذا نے ہر پروگرام منعقد کرتے ہوئے اپنی ایک بےمثال ومنفرد شناخت قائم کی ہے جس کا ساری برقی دنیا تسلیم کرتی ہے اس ساری کامیابی کا سہرا توصیف ترنل کے سر جاتا ہے اور ادارہ ہذا کے تمام معزز ومعتبر شامل  حضرات کوجاتا ہے
توصیف ترنل نے اپنی انتھک جستجو اور سخت کاوشوں سے دنیا بھر کے قلم کاروں کو اکٹھا کرتے ہوئے اردوزبان اور ادب کی آبیاری کی جانب توجہ مبذول کروائی ہے جو ناقابلِ فراموش ہے جنھوں نے اپنی مصروفیات کو بالائے طاق رکھتے ہوئے اردوزبان وادب کی خدمت میں دن دونی رات چوگنی ترقی کی ہے۔ وہ اس کام کو انجام دے رہے ہیں جو قابلِ ستائش ہے,
آج کے منعقدہ تنقیدی ہروگرام ایک بہت ہی اہمیت کا حامل ہے اس لئے کہ اس پروگرام میں شامل تمام شعراء حضرات تقریباً کہنہ مشق اور استادانہ صلاحیت کے حامل ہیں ,اور ناقدین ان کی تخلیقات پر معائب و محاسن دیکھیں گے یہ کوئی معمولی بات نہیں,توصیف ترنل کا یہ اقدام واقعی لائق تحسین ہے,اللہ ربُّ العزت سے دعاگو ہوں کہ اس پروگرام کو عظیم الشان کامیابی عطا فرمائے امین ثم آمین ,,,
اللہ حافظ

خاکسار و خادمِ اردو
امیرالدین امیر بیدرکرناٹک بھارت

موجودہ دور میں مواصلاتی نظام میں دن دونی رات چوگنی ترقی نے دنیا کو سمیٹ کر رکھ دیا ہے جو کچھ کبھی آپ کے تصور سے بھی بالاتر تھا وہ چشمِ زدن میں آپ کے روبرو ہوتا ہے۔ اس برقی ترقی یافتہ دور نے دنیا کو ایک گلوبل قریہ میں تبدیل کردیا ہے، جہاں ہر کوئی اپنے ذوق و شوق کی مطابقت سے بھانت بھانت کی چوپالیں سجائے بیٹھا ہے،کہیں فن موسیقی کی محافل، تو کہیں نثر و افسانہ نگاری کی تقاریب تو کہیں مشاعرہ و شعر و ادب کی نشستیں، غرض ہر کس وناکس کے ذوق و شوق کی آبیاری کے بھر پور مواقع بہم ہیں۔
ادارہ بیسٹ اردو پوئٹری (وائس) بھی انہیں تحریکات کا ایک جزو لا ینفق ہے جس نے اپنی انفرادی کا وشوں اور منفرد پروگرامس کے سبب بڑے ہی مختصر وقفے میں اس برقی دنیا میں اپنا ایک منفرد مقام پیدا کر لیا ہے،
ادارے نے نو مشق شعراء کی ذہنی تربیت اور رہنمائی میں ایک نمایاں کردار ادا کیا ہے اس لئے کہ ادارے کے ذریعہ منعقدہ پروگرامس "من تورا حاجی بگویم تو مورا حاجی بگو " کے مترادف نہ ہو کر مبنی بر تنقید ہوتے ہیں، جہاں ادیب و شاعر کی کاوشات کے محاسن و معائب پر کھلے ذہن کے ساتھ گفتگو ہوتی ہے جو نئے لکھنے والوں کی ذہنی تربیت و آبیاری کے لئے بے حد ہی معاون ثابت ہوتی ہے۔
ادارے کے بانی و چیرمین
جناب توصیف ترنل صاحب  نے اپنی مسحور کن شخصیت کے طفیل جس طرح لوگوں کو ایک لڑی میں پرو کر رکھا ہوا وہ واقعی لائقِ صد توصیف ہے۔ ان کی اٹھتے بیٹھتے سوتے جاگتے ادارے کے تئیں جو فکر نظر آتی ہے وہ نظر انداز نہیں کی جا سکتی۔ اللہ ان کی مخلصانہ کوششوں کو بہرہ ور کرے آمین۔

خالد صدیقی

(ایک نظر ادھر بھی)

ماضی بعید سے لیکر عہدِ حاضر کی تمام ادبی کار گزاریوں کا اگر   بغور جائزہ لیا جائے تو پتا چلتا ہے کہ ہر دور میں بڑے بڑے ادباء و شعراء حضرات نے اردو کی ارتقا کیلئے تن من دھن سے کام کیا ہے جس کے نتائج خوب سے خوب تر سامنے آتے رہے
عہدِ حاضر میں بھی خدمتِ اردو ادب کے لئے مقامی طور پر بیشمار تنظیمیں کام کرتی نظر آ رہی ہیں لیکن موجودہ دور میں جو ترقی برقی دنیا نے حاصل کی ہے وہ اپنی مثال خود ہے آج تمام فیس بک اور واٹس اپ کے گروپس اچھے اچھے پروگرام کرتے نظر آ رہے ہیں کہیں فی البدیہہ مشاعرے ہو رہے ہیں تو کہیں تصاویر کے حوالے سے تو کہیں ردیف کے حوالے سے المختصر مختلف ذاویوں سے ادب کی آبیاری کی جا رہی ہے اس کا اعتراف نہ کرنا بے انصافی ہوگی لیکن ان تمام گروپس میں واحد ادارہ ایسا ہے جو اپنی شناخت اپنی پہچان الگ بنائے ہوئے ہے وہ ہے ( ادارہ عالمی بیسٹ اردو پوئٹری) یعنی ادارہ ہٰذہ
یہی ایک ایسا منفرد ادارہ ہے جو  ہر پروگرام تنقید کے حوالے سے منعقد کرتا ہے نیز ایوارڈ دیکر شعراء حضرات کی حوصلہ افزائی کرتا ہے
یہ سب محترم توصیف ترنل صاحب کی بے لوث خدمات کا نتیجہ ہے کہ کئی ممالک کے ممتاز شعراء ادارہ عالمی بیسٹ اردو پوئٹری میں شامل ہونے کو اپنا فرض سمجھتے ہیں

مختار تلہری بریلی اترپردیس انڈیا

Thursday, January 18, 2018

(طرزِِ سخن) ڈاکٹر علامہ محمد اقبال ایوار


*🌍ادارہ,عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری🌍* 
کی جانب سے ایک اور منفرد پروگرام پیش کرتے ہیں...
(طرزِِ سخن) 
جس میں جیتنے والے کو 
🏆ڈاکٹر علامہ محمد اقبال ایوارڈ🏆
سے نوازا جاۓ گا

*نوٹ-* 👇
تنقید کی پوری اجازت ہو گی۔

اور سب سے اچھی کہی جانے والی غزل پر 
🥇ڈاکٹر علامہ محمد اقبال ایوارڈ🥇
سے نوازا جاۓ گا۔ 

اس مشاعرہ میں شامل تمام شعراء علامہ اقبال یا کسی بھی بزرگ شاعر کے کلام کی طرز پر غزل پیںش کریں گے۔ غزل کہنے والا اس شاعر کا نام بتاۓ گا کہ اس نے کس بزرگ شاعر کے رنگ و انداز میں غزل کہی ہے۔ اس بات کا فیصلہ منصفین کریں کہ کون سا شاعر ایسا کرنے میں کامیاب رہا۔
قافیہ۔ ردیف اور بحر کی کوئی پابندی نہیں۔
اور سب سے اچھی کہی جانے والی غزل کو ڈاکٹر علامہ محمد اقبال ایوارڈ سے نوازا جاۓ گا 

ادارۂ ھٰذا دنیا کا واحد ادارہ ہے، جو اس برقی ترقی یافتہ دور میں شعراء,ادباء و مصنفینِ زبانِ اردو ادب کی ذہنی آبیاری کرتا ہے اور نئے نئے لسانیاتی پروگرامز منعقد کرتا ہے...
===========================
*We present 136th Unique Program
طرزِِ سخن میں اساتذہ کے اسلوب میں کہی گئی غزلوں کا شاندار پروگرام پیش ہے

  *ڈاکٹر علامہ محمد اقبال ایوارڈ *

*🌍ادارہ,عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری🌍* 

نوٹ 👇

ان شاء اللہ بروز ہفتہ
تاریخ 20 جنوری 2018
رات 7 بجے 

نوٹ۔
اس "طرزِ سخن" مشاعرہ میں اول آنے والے خوش نصیب کو "ڈاکٹر علامہ محمد اقبال" ایوارڈ سے نوازا جائے گا۔
منجانب 
انتظامیہ ادارہ
===========================
*🌏آرگنائزر🌏*
 *توصیف ترنل ہانگ کانگ*

پروگرام آئیڈیا
محمد علی بھٹی۔ عمان
===========================
*📡 پبلشرز 📡*
محترم عثمان عاطس صاحب پاکستان
*📱ویب سائیٹ📱* onlineurdu.com
=================
محترم منظور قادر بھٹی صاحب
(چیف ایڈیٹر عکسِ جمہور رسالہ)
=================
محترم سردار امتیاز خان صاحب 
(چیف ایڈیٹر روزنامہ پرنٹاس اخبار)
=================
Dr M ragib deshmukh sb
www.scholarsimpact.com
=================
توصیف ترنل ہانگ کانگ 
بانی و چیئرمین 
ادارہ,عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری
عالمی ادب فاؤنڈیشن 
عالمی ماہنامہ آسمانِ ادب

touseefturnal.blogspot.com

touseefturnal.tumblr.com

https://www.youtube.com/channel/UCvWq7-0Sdc107G-yPpoaOhA
=================
محترم محمد عبدالقدیر شاہد محمدی سیفی
egohater.wordpress.com
=================
محترم چوہدری جان محمد
روزنامہ لازوال جموں ایڈیشن  بھارت
http://epaper.lazawal.com/index.aspx?page=5

=================

Ishraq a hashmi sb web developer plus founder CEO of TV East West News

=================
Graphic designer
 محترم داؤد حسین عطاری
بہاولپور پنجاب پاکستان

============================
صدارت۔
محترم سعید اقبال پستوری صاحب لاہور

مہمانانِ خصوصی
محترم شہزاد نیّر صاحب پاکسانڈیا
محترم امیرالدین امیر بیدر۔ کرناٹک۔ انڈیا

ناقد ین 
محترم شہزاد نیّر صاحب پاکستان عمان
محترم شاہین فصیح ربانی۔ مسقط عمان
جناب علی مزمل۔ کراچی۔ پاکستان

نظامت 
جناب۔ ضیاء شادانی۔ مرادآباد۔ انڈیا

رپورٹ 
محترم علی مزمل۔ کراچی۔ پاکستان

مقالہ۔ 
محترم ڈاکٹر ارشاد خان ممبرا مہاراشٹر  انڈیا

حمدِ باری تعالی ﷻ:
محترم سراج گلاؤٹھوی صاحب بھارت 

نعتِ شافعِ محشر ﷺ:
محترم سراج گلاؤٹھوی صاحب بھارت 
محترم خالد سروحی۔ گکھڑ سٹی۔ گوجرانوالہ

===========================

جناب۔ ضیاء شادانی۔ مرادآباد۔ انڈیا

جناب۔ اشرف علی اشرف۔ سندھ۔ پاکستان

جناب۔ شوزیب کاشر۔ راولا کوٹ۔ آزاد کشمیر

جناب۔ محمد رضوان عالم۔ ڈیرہ اسماعیل خان

جناب۔ ڈاکٹر ارشاد خان ممبرا مہاراشٹر   انڈیا

جناب۔ مسکین رائچوری۔ رائچور۔ کرناٹک۔ انڈیا

جناب۔ مختار تلہری۔ بریلی۔اترپردیش۔ انڈیا

جناب۔ شاہین فصیح ربانی۔ مسقط عمان

جناب علی مزمل۔ کراچی۔ پاکستان

جناب۔ ڈاکٹر مینا نقوی۔ مرادآباد۔ انڈیا

محترمہ۔ ڈاکٹر شہناز مزمل۔ لاہور۔ پاکستان

Sunday, January 14, 2018

ادارہ، عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری رپوٹ نفیس احمد نفیسؔ ناندوروی(انڈیا)


🎖🍁🎖🍁🎖🍁🎖🍁🎖
*🖌رپورٹ🖌*
*🖌نفیس احمد نفیسؔ ناندوروی(انڈیا)...*

*منفرد ادارہ، عالمی بیسٹ اردو پوئٹری*, یقیناََ دورِ حاضر میں دنیا کا واحد ادارہ ہے جو اس برقی ترقی یافتہ دور میں شعراء, ادباء و مصنفینِ زبانِ اردو ادب کی ذہنی آبیاری کرتا ہے اور نئے نئے لسانیاتی پروگرامز منعقد کرتا ہے... ادارۂ ھٰذا کی اوّلین خصوصیت یہ ہے کہ اس میں تمام پروگرامز بلا تفریق برائے تنقید کئے جاتے ہیں... *تدبیرِ مزمّلی اور جذبۂ توصیفی نے کامیابی کے اس سفر کو مزید آگے بڑھاتے ہوئے، بین الاقوامی سطح پر مورخہ ١٣جنوری ٢۰١٨، بروز سنیچر، آن لائن پروگرام "صنعتِ توشیح (خواجہ حیدر علی آتش ایوارڈ)" کے ذریعہ بہترین ادبی کارنامہ سر انجام دیا ہے* اس عالمی آن لائن محفلِ مشاعرہ کے *صدر* محترم شہباز نئیر صاحب (پاکستان) اور *مہمانانِ خصوصی* محترم شکیل انجم صاحب (انڈیا)، محترم سیّد محمود احمد صاحب(انڈیا) تھے... نیز *جنابِ محترم علی مزمّل خان صاحب (کراچی) نے اپنے منفرد لب ولہجہ اور دَم دار اندازِ نظامت سے محفلِ مشاعرہ میں جادوئی سَما باندھ دیا...* مشاعرہ کا باقائدہ آغاز ربِّ ذوالجَلال کی پاک وشفّاف حَمد وثنا کے ساتھ محترمہ شہناز مزمل صاحبہ نے کیا۔ 

وہی واحد وہی احد ٹھہرا
حد نہیں ماوراۓ حد ٹھہرا
اس کا عرفان بھی ضروری ہے
لم یلد اور ولم یولد ٹھہرا

بعدازاں بندۂ ناچیز نفیس احمد نفیسؔ ناندوروی (انڈیا) نے کچھ یوں کیا...کہ

نظر  چار  سُو  آئے  رحمت  خُدا  کی
دو عالم  پہ  چھائی  عنایت  خُدا  کی
ذرا مَن کی آنکھوں کو کھولو تو جانو
ہر اک شئے سے ظاہر ہے قدرت خُدا کی

اور رسول اکرم نُور مُجسّم محمّدﷺ کی شانِ اقدس میں نعتیہ کلام کا نظرانۂ عقیدت محترم شوزیب کاشر صاحب (کشمیر) نے پیش کیا...

رب نے تمہیں ہے صورتِ مہتاب دی ہوئی
یا چاند کو ہے  طلعتِ  سیماب  دی ہوئی 
کاشر  میں ہوں سپاس گزار اس  ندیم کا
جس نےہےدل کوسوزشِ شاداب دی ہوئی

*پروگرام کے تحت شعرائے عالم نے ادارے کی جانب سے تجویز کردہ ناموں پر صنعتِ توشیح کا استعمال کرتے ہوئے اپنے کلامِ بلاغت سے محفلِ مشاعرہ کو فائزالمرامی عطا کی۔۔۔ نمونۂ کلام۔۔۔*

1) پہلی جوڑی۔۔۔👬

عالی جناب...! آپ تو مقصد سے ہٹ گئے 
سب فاصلے میں سوچ رھا تھا سمٹ گئے
*محترم ضیاء شادانی صاحب(انڈیا)...*

2) دوسری جوڑی۔۔۔👬

اگر ہے  پیار  تو  شکوہ  گلہ  ضروری ہے
جنوں کو راستہ رخنوں بھرا ضروری ہے
*محترم شکیل انجم مینانگری(انڈیا)*

شب بھر تم کو سوچوں میں 
اور آنکھوں میں رکھوں میں 
*محترم اشرف علی اشرف(پاکستان)*

3) تیسری جوڑی۔۔۔👬

مے خانہ  کھلا  رکھنا 
پیمانہ   بھرا     رکھنا... 
*محترم ہمراز اوچوی (پاکستان)*

ہمنوائی کا حق ادا کیا ہوتا
کوئی وعدہ تو وفا کیا ہوتا 
*محترم محمد عبدالقدیر شاہد(پاکستان)* 

4) چوتھی جوڑی۔۔۔👬

نقش کیوں عکس کا بدل جائے
کس  طرح   آئنہ   بدل   جائے۔۔۔؟
*محترم شاہین فصیح ربانی(عمان)* 

سُنو کہ جستجو  باقی  نہ  انتظار ہے اب 
غمِ فراق میں ہی دل کو بس  قرار ہے اب
*محترم قاضی جلال (امریکہ)*

5) پانچویں جوڑی۔۔۔👬

عدل اورسچائی کےہیں کتنےدعوے دار اب
کتنے ہیں  ایمان پر  مَر مِٹنے کو  تیار اب۔۔۔
*محترمہ ڈاکٹر مینا نقوی (انڈیا)...*

میرے افکار  شبِ تار  میں ڈھالے ہوۓ ہیں
تب کہیں جا کے مقدر میں اجالے ہوۓ ہیں 
*محترم علی مزمل خان(کراچی)*

پروگرام کے آخر میں ججیز کمیٹی نے بہ اعتبارِ فکروفن عمدہ کلامِ توشیح کا اعلان کیا... جس کے تخلیق کار محترم قاضی جلال کیلیفورنیا، (امریکہ) تھے جنھیں *خواجہ حیدر علی آتش ایوارڈ* سے نوازہ گیا...

محفلِ ھٰذا نے، نہ صرف ادب و ثقافت کو جلا بخشی بلکہ دشمنانِ ادب کو باخبر کرادیا کہ *دورِ حاضر بھی اپنے زمرۂ ادب میں ایسے شعراء و ادباء کو اپنے سر کا تاج بنائے ہوئے ہے جن کی کہنہ مشقی سے ادب کی دقیق اصناف بھی ماہِ کامل کی طرح روشن ہو اٹھتیں ہیں۔۔۔۔* مشاعره میں شامل شعراء کا کلام پڑھنے سے پتہ چلا کہ جہاں روایت کے سانچے میں ڈھلنے والے اور مشکل لے پر سر دھنّے والے میدانِ شاعری میں رقص کناں ہیں، تو وہی آج کے اس انہماکی دور میں شعرائے عالم کو ایک جامع پلیٹ فارم پر منجمد کرنے والے، نیز حوصلہ افزائی کے ساتھ انھیں اسنادِ ادب سے نوازنے والے، ادارے کے بانی و چئیرمن محترم توصیف ترنل صاحب جیسے ادب کے دیوانے بھی حاضر ہیں۔۔۔

اس تاریخی پروگرام میں شریک تمام شعرائے عالم نیز رفقائے بزم کو اپنی اور ادارے کی جانب سے مبارکباد پیش کرتا ہوں....

🙏احقر.....🙏
*🖌نفیس احمد نفیسؔ ناندوروی....*
       ضلع,بُلڈانہ,مہاراشٹر(بھارت)۔۔۔
🍁🎖🍁🎖🍁🎖🍁🎖🍁

Thursday, January 11, 2018

ادارہ، عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری کا منفرد پروگرام(خواجہ حیدر علی آتش ایوارڈ)


*🌍ادارہ,عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری🌍*
کی جانب سے ایک اور منفرد پروگرام پیش کرتے ہیں...
(دربارِ سخن)
جس میں جیتنے والے کو

💥🌹خواجہ حیدر علی آتش ایوارڈ🌹💥
سے نوازا جاۓ گا

*نوٹ-* 👇
تنقید کی اجازت ہو گی

تمام شامل شعراء کو قرعہ اندازی کے ذریعے ایک دوسرے کے نام دیئے جائیں گے جس پر صنعتِ توشیح میں غزل کہی جاۓ گی۔ فرض کیجئیے مختار تلہری صاحب کو کاشف مرزا صاحب کے نام پر غزل کہنے کو ملتی ہے تو مختار تلہری صاحب پہلا شعر۔
ک۔
دوسرا
ا۔
تیسرا
ش۔
چوتھا
ف۔
پانچواں
م۔
چھٹا
ر۔
ساتواں
ز۔
اور آٹھواں
ا۔
سے کہیں گے۔
اسی طرح ہر شاعر کو کسی نہ کسی شریک رکن کا نام دیا جاۓ گا۔
اور سب سے اچھی کہی جانے والی غزل پر
🥇خواجہ حیدر علی آتش ایوارڈ🥇
سے نوازا جاۓ گا۔
صنعتِ توشیح میں کہی گئی غزل کے لیے قافیہ۔ ردیف اور بحر کی کوئی پابندی نہیں۔
تنقید کی پوری اجازت ہوگی...

ادارۂ ھٰذا دنیا کا واحد ادارہ ہے، جو اس برقی ترقی یافتہ دور میں شعراء,ادباء و مصنفینِ زبانِ اردو ادب کی ذہنی آبیاری کرتا ہے اور نئے نئے لسانیاتی پروگرامز منعقد کرتا ہے...
===========================
*We present 135th Unique Program*

صنعتِ توشیح پر مبنی غزلوں کا شاندار پروگرام پیش ہے

  *خواجہ حیدر علی آتش ایوارڈ *

*🌍ادارہ,عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری🌍*
پروگرام پیش کرنے جارہا ہے جس میں تمام شعراءکرام کو ایک ایک نام الاٹ کیا جاۓ گا۔ جب تمام شعراء تجویز کردہ نام پر غزلیں مشاعرہ میں پیش کر چکیں گے تو منصفین فیصلہ کریں گے کہ کس شاعر کی غزل معیاری ہے۔ لہذا اول آنے والے شاعر کو "خواجہ حیدر علی آتش ایوارڈ" دیا جاۓ گا۔

نوٹ 👇

ان شاء اللہ بروز ہفتہ
تاریخ 13 جنوری 2018
رات 7 بجے

نوٹ۔
اس "دربارِ سخن" مشاعرہ میں اول آنے والے خوش نصیب کو "خواجہ حیدر علی آتش" ایوارڈ سے نوازا جائے گا۔
منجانب
انتظامیہ ادارہ
===========================
*🌏آرگنائزر🌏*
 *توصیف ترنل ہانگ کانگ*

پروگرام آئیڈیا
محترم علی مزمل کراچی پاکستان
===========================
*📡 پبلشرز 📡*
محترم عثمان عاطس صاحب پاکستان
*📱ویب سائیٹ📱* onlineurdu.com
=================
محترم منظور قادر بھٹی صاحب
(چیف ایڈیٹر عکسِ جمہور رسالہ)
=================
محترم سردار امتیاز خان صاحب
(چیف ایڈیٹر روزنامہ پرنٹاس اخبار)
=================
Dr M ragib deshmukh sb
www.scholarsimpact.com
=================
بانی و چیئرمین
ادارہ,عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری
بانی و سرپرست اعلیٰ
عالمی ماہنامہ آسمانِ ادب
توصیف ترنل
touseefturnal.blogspot.com

touseefturnal.tumblr.com

https://www.youtube.com/channel/UCvWq7-0Sdc107G-yPpoaOhA
=================
محترم محمد عبدالقدیر شاہد محمدی سیفی
egohater.wordpress.com
=================
محترم چوہدری جان محمد
روزنامہ لازوال جموں ایڈیشن  بھارت
http://epaper.lazawal.com/index.aspx?page=5

=================

Ishraq a hashmi sb web developer plus founder CEO of TV East West News

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Graphic designer
 محترم داؤد حسین عطاری
بہاولپور پنجاب پاکستان

============================
صدارت
محترم شہباز نئیر صاحب۔ بہاولپور۔ پنجاب۔ پاکستان

مہمانانِ خصوصی
محترم شکیل انجم۔ مینانگری۔ جلگاؤں۔ انڈیا
محترم سید محمود احمد کانپور بھارت

ناقد
محترم شفاعت فہیم صاحب بھارت

نظامت ورپورٹ
محترم علی مزمل۔ کراچی۔ پاکستان

مقالہ۔ نفیس احمد نفیس۔ انڈیا

حمدِ باری تعالی ﷻ:
محترمہ ڈاکٹر شہناز مزمل صاحبہ پاکستان

حمدِ باری تعالی ﷻ
محترم نفیس احمد نفیس۔ انڈیا

نعتِ شافعِ محشر ﷺ:
محترم شوزیب کاشر صاحب راولاکوٹ آزاد کشمیر

===========================

محترم علی مزمل صاحب کراچی پاکستان

محترم اشرف علی اشرف صاحب سندھ پاکستان

محترم محمد عبدالقدیر شاہد محمدی سیفی

محترم ہمراز اوچوی صاحب اوچ شریف پاکستان

محترم رضوان عالم۔ ڈیرہ اسماعیل خان۔ پاکستان

محترم قاضی جلال صاحب۔ کیلیفورنیا۔ امریکہ

محترم شاہین فصیح ربانی، مسقط عمان

محترم نیّرصِدِّیقی حیدرآباد پاکستان

محترم ضیاء شادانی صاحب بھارت

کل بروز ہفتہ ہونے والے مشاعرہ بنام "دربارِ سخن" جو صنعتِ توشیح پر کیا جاۓ گا اور اس مقابلہ میں اول آنے والے خوش بخت کو

✍خواجہ حیدر علی آتش ایوارڈ✍
سے نوازا جاۓ گا۔
اس توشیحی مشاعرہ کے شرکاء کو دو دو کی جوڑی کی شکل منسلک کیا گیا ہے۔ ہر جوڑی ایک دوسرے کے نام پر غزل کہے گی۔

پہلی جوڑی۔

ضیاء شادانی صاحب۔ انڈیا
اور
ظہیر احمد ضیاء صاحب۔ بھمبر۔ آزاد کشمیر

دوسری جوڑی۔

شکیل انجم صاحب۔ مینانگری انڈیا
اور
اشرف علی اشرف صاحب۔ سندھ۔ پاکستان

تیسری جوڑی

سید محمود احمد۔ کانپور۔ انڈیا
اور
قاضی جلال صاحب۔ ہری پور ہزارہ۔ پاکستان۔ موجود (امریکہ)

چوتھی جوڑی

شہباز نئیر صاحب۔ بہاولپور۔ پاکستان
اور
محمد رضوان عالم صاحب۔ ڈیرہ اسماعیل خان۔ پاکستان۔

پانچویں جوڑی

ہمراز اوچوی صاحب۔ اوچ شریف۔ پاکستان
اور
محمد عبدالقدیر شاہد صاحب۔ پاکستان

چھٹی جوڑی

شاہین فصیح ربانی۔ مسقط۔ عمان
اور
نیر صدیقی۔ حیدر آباد۔ پاکستان

ساتویں جوڑی

محترمہ مینا نقوی صاحبہ۔ مرادباد۔ انڈیا
اور
علی مزمل صاحب۔ کراچی۔ پاکستان

ہر جوڑی اپنے مخالف فرد کے نام پر اشعار کہے گی۔
ہر شعر کا پہلا مصرعہ مخالف کے نام کی مناسبت اور ترتیب سے ہونا چاہئیے۔
قافیہ ردیف اور بحر کی کوئی پابندی نہیں۔
تمام شعراء نے کل شام سات بجے شام سے پہلے مکمل کرنی ہیں۔

Tuesday, January 9, 2018

میزبان :توصیف ترنل ہانگ کانگ انٹرویومہمان شاعر:محترم مختار تلہری بھارت




https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2069087476670081&id=100007065459862

http://touseefturnal.blogspot.hk/2018/01/blog-post_53.html?m=1

https://touseefturnal.tumblr.com/post/169528417763/میزبان-توصیف-ترنل-ہانگ-کانگ-انٹرویومہمان

ادارہ، عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری
ہانگ کانگ سے پیش کرتے ہیں پوری دنیا کے معروف ادیبوں و شاعروں کےلاجواب لائیو ویڈیو انٹرویوز سوال و جواب اور ملاقاتیں
میزبان :توصیف ترنل ہانگ کانگ
 انٹرویومہمان شاعر:محترم مختار تلہری بھارت

دوسروں کے لئے کچھ لکھنا بہت آسان ہوتا ہے اور خود پر کچھ لکھنا یا کہنا نہایت مشکل ہوتا ہے لیکن کبھی کبھی اپنے بارے میں بتانا بھی پڑتا ہے ۔۔۔۔۔۔۔۔
ہندوستان کے صوبہ اتر پردیس میں ضلع شاہجہانپور کے قصبہ تلہر کے ایک چھوٹے سے گرام ڈبھورہ میں ایک غریب لیکن شریف خاندان میں یکم فروری 1960  عیسوی کومیری پیدائش ہوئی میرے والد گرامی جناب الحاج صوفی عظیم اللہ انصاری صاحب  ( جو ابھی تین سال قبل اس دار فانی سے کوچ کر گئے ہیں ) نے بڑی جد و جہد کرکے حلال کمائی سے پریوار کی پرورش کی یہ ان کا فیضان اور اللہ پاک کا احسان ہے کہ آج بہر طور خوشحال زندگی گزارنے کا شرف حاصل ہو رہا ہے ۔۔۔
 یہ مختصر خاکہ اس لئے تحریر کیا ہے کہ ممکن ہے کبھی ضرورت پیش آجائے ۔۔۔۔
تلہر ایک ایسا قصبہ ہے جہاں گلشن علم و ادب کی ہمیشہ آبیاری ہوتی رہی ہے اور آج بھی محترم استاد طاہر تلہری صاحب ( مرحوم ) کی قائم کردہ بزم ارباب-سخن کے زیر اہتمام  ماہانہ طرحی نشستیں ایک درسگاہ کا کام کر رہی ہیں ۔۔۔ محترم جناب ساجد شاہجہانپوری صاحب میرے بڑےاستاد بھائی ہیں جنکی شفقتیں مجھے ہمیشہ حاصل رہی ہیں
المختصر
میری شاعری کا آغاز 1981 میں نعت گوئی سے ہوا  اور 1998  میں پہلا مجموعہ ۔۔ ۔۔ شہباز - قلم کے نام سے شائع ہوا جو غزلیات پر مشتمل ہے اور دوسرا مجموعہ سن 2000 میں ۔۔۔۔۔ پرتو-نور کے نام سے شائع ہوا جو نعتیہ کلام پر مشتمل ہے  شروع شروع میں رسائل و اخبارات میں چھپنے کا بہت شوق تھا اکثر کتابوں میں غزلیں اور نعتیں چھپتی رہتی تھیں  علاوہ ازیں 1985 سے کبھی کبھار مشاعروں اور جلسوں کی نظامت کرنے کا شرف حاصل ہوتا رہتا ہے ۔۔۔۔۔۔۔
وقتاً فوقتا" اعزاز بھی حاصل ہوتے رہتے ہیں ۔۔۔
موجودہ صورتحال یہ ہے کہ کم از کم 1500 سو غزلیات اور قطعات و رباعیات اور کچھ نعتیہ کلام ہیں جنکو کسی وجہ سے کتابی شکل نہیں دے پا رہا ہوں ۔۔۔۔
باقی باتیں انشاءاللہ آئندہ ۔۔۔۔۔۔
1 :۔ سب سے پہلے ایک روائتی سوال لفظوں سے رشتہ کب جڑا ؟ پہلا شعر کونسا  کہا اگر یاد ہو ؟

سن 1981 میں محترم عبدالحمید عشرت تلہری صاحب  ( مرحوم ) نے رغبت دلائی تو مجھے پتا چلا کہ میرے اندر بھی ایک شاعر چھپا بیٹھا ہے جسکو سامنے لانے کی ضرورت ہے لہٰذا سب سے پہلے ایک نعت پاک کہنے کا شرف حاصل ہوا جس کا پہلا مطلع یہ ہے۔۔۔۔۔

ہم بھی ہیں اک آپکےادنٰی غلام
کیجئے  ہم  پر  کرم   خیرالانام

2:۔ والدین کو جب پتہ چلا کہ ان کا صاحبزاد شعر کہتا ہے تو ان کا ردِ عمل کیا تھا ؟

اتفاق سے اسی دن ایک مشاعرہ تھا جسمیں مذکورہ نعت پڑھنا تھی میں نے جب والد صاحب سے جانے کی اجازت مانگی اور شعر سنائے تو بہت خوش ہوئے اور دعاوءں کے ساتھ اجازت دی اس کے بعد سے والدین اور بڑے بھائی کی حمایت ہمیشہ میرے ساتھ رہی

3:۔  آپکا قلمی ,,,,,,,,,, ہے اس نام کو رکھنے کی کوئی خاص وجہ ؟

چونکہ میرا نام مختار احمد پہلے سے ہی تھا تو اور کوئی تخلص بدلنے کی ضرورت محسوس نہیں کی اور تخلص کے طور پر بھی مختار ہی استعمال کر لیا اور کوئی وجہ نہیں

4:۔ کیا کبھی کسی سے اصلاح لی ؟ کس شاعر کو خود کے لیے زیادہ موثر سمجھتے ہیں ؟

جیسا کہ میں نے عرض کیا کہ محترم عبدالحمید صاحب جو رشتے میں خالو تھے نعت کے بہترین شاعر تھے نعتیں انکو دکھاتا رہا اور جب غزلیات سے تعلق ہوا تو باقاعدہ  محترم طاہر تلہری صاحب کے سامنے زانوئے تلمذ طے کرنے کا شرف حاصل کیا

4:۔ شاعری کے بارے میں آپ کا خیال کیا ہے شاعری کیا ہوتی ہے ؟ شاعری کا ذاتی زندگی پر کوئی مثبت یا منفی اثر اگر پڑا ہو تو ؟

میرے نذیک شاعری ایک احساسات و جذبات و کیفیات کو عروض کے اصولوں کی پابندی کے ساتھ نظم کرنے کا نام ہے جو شاعر کی روحانی غذا کا کام کرتی ہے اور یہ مثبت پہلو تصور کرتا ہوں اور ہاں جہاں تک منفی اثرات کا سوال ہے تو وہ صرف بیوی کو ناراض رکھنا ہے اسکے علاوہ کچھ نہیں

5:۔ طنز و مزاح سے لگاو ؟ کیا کبھی شاعری کے علاوہ نثر میں کچھ لکھا ؟

طنز و مزاح کا تعلق صرف سنے تک رہا ہے اور محظوظ بھی ہوتا ہوں لیکن کہنے یا لکھنے کا ارادہ نہ تھا اور نہ ہے

6:۔ موجودہ دور کی شاعری سے کس حد تک مطمئن ہیں ؟ حالات حاضرہ کے شعرا میں آپ کی پسند کا شاعر ؟

شاعری موجودہ دور کی ہو یا سابقہ دور کی اچھی شاعری کو ہی پسند کیا جاتا ہے جسمیں شاعرانہ محاسن ہوں اسی کو ہر دور میں پسند کیا جاتا رہا ہے نیز پسند کیا جاتا رہیگا ۔۔۔
عہد حاضر کے میرےپسندیدہ شاعر محترم المقام جناب منتخب احمد خان نور صاحب ککرالوی ہیں اور وہ اسلئے نہیں کہ میرے مرشد گرامی الشاہ محمد ثقلین میاں حضور کے بھائی ہیں بالکہ یقینا" وہ بےمثال شاعر ہیں میری نگاہ میں

7:۔  کسی ادبی گروہ سے وابستگی ؟ اردو ادب کی ترویح و ترقی کے لیے جو کام ہو رہا ہے کیا آپ اس سے مطمئن ہیں ؟

تلہر کی بزم ارباب-سخن  اور بریلی کی بزم نورالادب سے ہمیشہ جڑاوء رہا ہے دوسرے سوال کے جواب میں یہ عرض کرونگا کہ جہاں اچھا کام ہو رہا ہے ظاہر ہے اس سے مطمئن نہ ہو نے کا سوال ہی پیدا نہیں ہوتا

8:۔ محبت کے بارے میں کچھ بتائیے کیا آپ نے کبھی محبت کی ؟ کیا شاعر ہونے کے لیے محبت ضروری ؟

اس بارے میں کیا جواب دوں یہ صیغۂ راز میں رہنے دیجئے دوسرے سوال کے جواب میں نفی کا اظہار کر تا ہوں

9:۔ جہاں سوشل میڈیا نے نئے لکھنے والوں کے لیے سہولیات دی ہیں وہاں پر کتب سے دوری بھی دی ہے ۔ آپ کے خیال میں وہ کتابوں کا دور ٹھیک تھا یا حال ٹھیک ہے ؟ کتابوں سے محبت کا کوئی ذریعہ ؟

جو حضرات علم و ادب سے جڑے ہوئے تھے اور ہیں وہ ہیں اور رہینگے
حال بھی ٹھیک ہے اور ماضی بھی ٹھیک تھا میں دونوں سے متفق ہوں

10:۔ کس بحر میں غزل پسند ہے ؟ آپ کا اپنا کوئی پسندیدہ شعر ؟

عموما" مترنم بحروں کو پسند کرتا ہوں وہ کوئی بھی ہو
یوں تو اپنے سبھی شعر اچھے لگتے ہیں یہاں پر اپنا پسندیدہ یہ شعر پیش کر تا ہوں

مجھے مرنے کا ہر گز غم نہیں ہے خوف تو یہ ہے
نظر میں میرے قاتل کو مری اولاد رکھے گی

11 :ـ پہلی ملاقات میں سامنے والی شخصیت میں کیا دیکھتے ہیں آپ ؟

خوبیوں پر نظر رہتی ہے اور بس

12:ـ غالب کے بارے میں آپ کی رائے ؟

المختصر
غالب علی کل غالب
احقرالکونین  ۔۔۔۔۔ مختار تلہریsb

نہ جانے کون سی باتوں نے دل دکھایا ہے
کہ آج عارض-خوددار پر بھی آنسو ہیں
***********
خلوت میں بھی سوچا تجھے جلوت میں بھی دیکھا
ہر رخ سے دلآویز تری جلوہ گری ہے
***********
زعم-خودآرائی میں جب کوئی سنتا ہی نہیں
ایسے عالم میں کسے سمجھاوءں تیرے شہر میں
************
یادآتی ہےماضی کی تولگتاہےکہ اب بھی
آواز وہی کان میں رس گھول رہی ہے
***********
روایت ہے اپنی کہ ظالم کے آگے
کٹا تو دیا سر جھکایا نہیں ہے
***********
دریا کی طرح میں بھی اب آزاد ہو گیا
بس چل دیا ادھر کو جدھر راستہ ملا
**********
بہت سستا ہے سودا مل کے تو دیکھو فقیروں سے
دعائیں کتنی دے جاتے ہیں وہ دو چار آنوں میں
************
اپنی عادت کے مطابق کوئی تہمت رکھ دو
اور لوگوں کی طرح میری بھی تشہیر سہی
************
تمہاری بات سر آنکھوں پہ لیکن
ہمارے ساتھ کچھ مجبوریاں ہیں
************
اس کے دل کی تہہ میں ہم اترے تو یہ عقدہ کھلا
روح کی گہرائیوں میں اک خلا پہلے سے تھا
************
سوچ کے جنگل سے نکلوں کس طرح
سوچنا   اک   مشغلہ   سا    ہو    گیا
***********
بے کیف کہانی  کا میں اک باب ہوں یارو
اچھاہےکہ تم نےمجھےپڑھ کرنہیں دیکھا
***********
شاید مری  زبان  کی  تاثیر اڑ گئی
بچہ بھی میری بات ہوا میں اڑاگیا
***********
صبح سے میں شام تک تنہا یونہی پھرتا رہا
اور جب گھر میں گیا فکروں کا لشکر لےگیا
**********
تشنگی پھرلےچلی ہمکوسرابوں کیطرف
پھر فریب-دل ہمیں منزل نظر آنے لگا
**********
یوں تو فقرہ فقرہ زہر آلود تھا اس کا مگر
غور سے دیکھا تو ہر جملہ حکیمانہ ملا
**********
اس کی آنکھوں کوسمندرلکھ کر
میری  آنکھوں  کو  جزیرہ لکھنا
**********
اپنی جانب سے نہ تاریخ کے اوراق لکھو
چہرہء عصر کی تحریر کو پڑھ کر لکھنا
***********
الٹ کردیکھتاہوں جب بھی ماضی کی کتابوں کو
میں اپنی  زندگی  کا  لمحہ  لمحہ دیکھ لیتا ہوں
***********
جلا بیٹھا ہوں بازو گرمئ پرواز سے لیکن
غرور اتنا نہیں رہنے دیا ہے آسمانوں کا
***********
زمانہ  بیت  گیا ہے قلم کو گھستے ہوئے
غزل کاتھوڑابہت اب مزاج سمجھا ہوں

Saturday, January 6, 2018

ادارہ،عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری کے تنقیدی طرحی مشاعرہ براۓ "داغ دہلوی ایوارڈ" کی روداد




ادارہ۔ عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری کے منعقد کردہ طرحی مشاعرہ براۓ "داغ دہلوی ایوارڈ" کی روداد۔

تحریر۔ علی مزمل کراچی۔ پاکستان

مورخہ ٦ جنوری ٢٠١٨ بروز ہفتہ رات ٧ بجے شام حسبِ معمول ایک مختلف نوعیت کا ١٣٤ واں تنقیدی مشاعرہ براۓ "داغ دہلوی ایوارڈ" منعقد کیا گیا۔ جس میں معروف شعراء نے شرکت کی۔
اس تنقیدی طرحی مشاعرہ کو "داغ دہلوی ایوارڈ" کے نام سے موسوم کیا گیا۔ اور جیتنے والے کے لیے "داغ دہلوی" ایوارڈ کا اعلان کیا گیا۔ جس کے مہتمم جناب توصیف ترنل صاحب تھے اور مشاعرہ کی صدارت محترم جناب ضیاء شادانی صاحب مرادآباد انڈیا سے فرما رہے تھے۔
جبکہ مہمانانِ خصوصی میں
جباب شاہین فصیح ربانی صاحب اور جناب ہمراز اوچوی قادری صاحب پنجاب۔ پاکستان کے نام شامل تھے۔ جبکہ۔
نظامت کے فرائض مختار تلہری صاحب۔ انڈیا سے انجام دے رہے تھے۔
حلقہء ناقدین میں۔
محترم جناب شفاعت فہیم صاحب انڈیا محترم جناب شاہین فصیح ربانی صاحب۔ مسقط عمان کے نام شامل تھے۔ جو دونوں محترم صاحبان نے احسن طریقے سے انجام دئیے۔
آج کے اس طرحی تنقیدی مشاعرہ براۓ "داغ دہلوی ایوارڈ" میں دو مصرعۂ طرح دئیے گئے۔ جس میں دیا جانے والا پہلا طرحی مصرعہ ذوالقافیتین یعنی دو قوافی پر مشتمل تھا۔
١- "اس پھول سے چہرے کو گلفام کہا جاۓ"
قافیہ۔١- گلفام۔ نام۔ آرام۔ دام وغیرہ
قافیہ۔٢- کہا۔ سنا۔ لکھا۔ دیا وغیرہ

جب کہ آج کے طرحی مشاعرہ براۓ "داغ دہلوی ایوارڈ" کا دوسرا مصرعہ یہ تھا۔
"آئینہ ہم کو آپ دکھانے سے پیشتر"

رودادِ مشاعرہ مرتب کرنے کی زمہ داری پاکستان سے علی مزمل کو تفویض ہوئی۔

ٹھیک سات بجے اللہ کے بابرکت نام سے تقریب کا آغاز ہوا اور ناظمِ مشاعرہ نے صدرِ مشاعرہ اور مہمانانِ  خصوصی کو مسند پر آنے کی دعوت دی حمدِ باری تعالی کے لیے ناظمِ مشاعرہ نے اپنا نام پیش کیا۔
اس کے فوراً بعد مختار تلہری صاحب نے نعت رسولِ مقبول ص پیش کی۔
مختار تلہری صاحب نے حمد و ثناء اور نعت سے محفل کو مشکبار کیا اور تحسین پائی۔

نمونہء کلام۔ (حمد)

علی کے گھر سے وظیفہ ملا ہے اللہ
طریقِ مصطفوی کا پتا ہے اللہ

نمونہء کلام۔ (نعت)

ہے نتیجہ تم سے رسم و راہ کا
مل گیا جو راستہ اللہ کا

نعت پاک کے بعد ناظمِ مشاعرہ جناب مختار تلہری صاحب نے طرحی مشاعرہ کا باقائدہ آغاز کرتے ہوۓ سب سے پہلے اپنا کلام سامعین کی نذر کیا۔ اور بہت سے توصیفی کلمات کے حقدار ٹھہرے۔ آپ نے ذوقافیتین  مصرعہ پر غزل کہی۔

نمونۂ کلام ملاحظہ ہو۔

دنیا نے بڑی گہری نظروں سے مجھے پرکھا
تاکہ مری الفت کو بدنام کیا جاۓ

جناب مختار تلہری صاحب کے بعد عبدالحمید ابنِ ربانی صاحب نے ذوقافیتین مصرعہ پر غزل پیش کی جسے سامعین نے پسند کیا۔

نمونہء کلام۔

ربانی دلِ ناداں حسرت بھی عجب رکھے
اس دستِ مسیحا کو اب تھام لیا جاۓ

عبدالحمید ابنِ ربانی کے بعد دعوتِ کلام وادئ سندھ کے ابھرتے ہوۓ شاعر جناب اشرف علی اشرف صاحب کو دی گئی۔ انہوں نے بھی ذوقافیتین میں سخن پیمائی کی۔ آپ نے خوب خوب داد پائی۔

نمونۂ کلام۔

وہ آتے نہیں ملنے ہم جاتے نہیں ملنے
اشرف تو عبث یارو بدنام ہوا جاۓ

جناب اشرف علی اشرف کے بعد شمعِ محفل تہذیبِ سندھ کی علم بردار ہونہار شاعرہ محترمہ ثمینہ ابڑو کے رو برو لائی گئی۔
آپ نے دونوں مصرعوں پر طبع آزمائی کی اور خوب کی۔ ان کے کلام کو شرکاء محفل نے بہت پسند کیا اور داد و تحسین سے نوازا۔

نمونۂ کلام۔

پہلی طرحی غزل سے۔
ہر رنگ سے معمور ہے وہ حسنِ مجسم
اس پھول سے چہرے کو گل اندام لکھا جاۓ

دوسری طرحی غزل سے۔
رونا پڑے گا جگ کو ہنسانے سے پیش تر
مرنا پڑے گا تجھ کو بھلانے سے پیش تر

ثمینہ ابڑو صاحبہ کے بعد کیلیفورنیا۔ امریکہ سے جناب قاضی جلال صاحب کو دعوت دی گئی کہ وہ اپنا کلام سامعین کی نذر کریں۔
آپ نے بھی دونوں طرحی مصرعوں پر غزلیں کہیں اور داد حاصل کی۔

نمونہء کلام۔

پہلے طرحی مصرعہ سے۔
بے نام محبت کو اب نام دیا جاۓ
آ بیٹھ کے سوچیں ہم اک جام پیا جاۓ

دوسری طرحی غزل سے۔
نظریں جھکا لیں آنکھ لڑانے سے پیش تر
اور ہاتھ کھینچے ہاتھ ملانے سے پیش تر

پے در پے شاعر آتے رہے مشاعرے نے رنگ جما لیا تھا کہ قاضی جلال صاحب کے بعد مرادآباد انڈیا کی مایہ ناز شاعرہ محترمہ مینانقوی صاحبہ کو دعوتِ کلام دی گئی۔ آپ نے حسبِ سابق بہت معیاری کلام سے سامعین کے نفیس ذوق کی تشفی کی اور خوب داد سمیٹی۔ آپ نے بھی دونوں مصرعوں پر قلم کے نشتر آزماۓ۔

نمونۂ کلام۔

پہلی طرحی غزل سے۔
یوں امن و اخوت کو اب عام کیا جاۓ
دنیا کو محبت کا پیغام دیا جاۓ

دوسری طرحی غزل سے۔
کوئی بھی لفظ ہونٹوں پہ لانے سے پیش تر
سو بار سوچ لیجے سنانے سے پیش تر

محترمہ مینانقوی کے بعد جناب علی مزمل صاحب کو کلام پیش کرنے کی دعوت دی گئی۔ حاضرین نے ان کے کلام پر تحسین کی۔

نمونۂ کلام۔

تخلیق اگر ہوا تھا میں آنے سے پیش تر
کس شکل میں تھا شکل میں لانے سے پیش تر

علی مزمل کے بعد پنجاب پاکستان سے جناب ہمراز اوچوی قادری صاحب کی باری آئی۔ آپ آج کے مشاعرہ کے دو مہمانانِ خصوصی میں سے ایک تھے۔ آپ کا کلام بھی پسند کیا گیا جس پر ناقدین نے بھی اپنی آراء سے مستفیض کیا۔

نمونۂ کلام۔

مے خانہ میں آیا ہوں مرا نام لیا جاۓ
اب میرے لیے ساقیا اک جام دیا جاۓ

جناب ہمراز اوچوی قادری صاحب کے بعد آج کے مشاعرے کے دوسرے مہمانِ خصوصی جناب شاہین فصیح ربانی صاحب کو مدعو کیا گیا۔ آپ نے دونوں مصرعوں پر کلام پیش کیا اور بے تحاشہ داد سمیٹی۔

نمونہء کلام۔

پہلی طرحی غزل سے۔
ہر صبح سنا جاۓ ہر شام سنا جاۓ
نظروں کو تکلم کا انعام دیا جاۓ

دوسری طرحی غزل سے۔
ہوتے ہیں سو طلسم خزانے سے پیش تر
ہو اسم اک عطا مجھے جانے سے پیش تر

شاہین فصیح ربانی صاحب کے بے مثال کلام کے بعد جناب ڈاکٹر سراج گلاؤٹھوی جن کا تعلق انڈیا سے ہے کو دعوتِ کلام دی گئی۔ آپ نے بھی ذوقافیتین غزل کا انتخاب کیا۔ آپ کا کلام بھی خوب رہا۔

نمونۂ کلام۔

ایسا بھی زمانے میں اک کام کیا جاۓ
بے کس کی صداؤں کو ہر گام کیا جاۓ

اور آخر میں صدرِ مشاعرہ جناب ضیاء شادانی صاحب کو دعوت دی گئی کہ وہ آئیں اور اپنا کلام سامعین کی نذر کریں اور حاضرینِ محفل کو خطبۂ صدارت سے سرفراز فرمائیں۔
صدرِ محفل نے نہایت مشاقی سے کہے گئے کلام سے مستفید کیا اور بجھتے ولولوں کو ایک بار پھر بھڑکا دیا۔ محفل از سرِ نو جوبن پر آگئی اور خوب داد دی گئی۔ آپ نے دئیے گئے دونوں طرحی مصرعوں پر غزلیں کہیں۔

نمونۂ کلام پہلی غزل سے۔

اک کیف ہے مستی ہے یہ دین ہے قدرت کی
کیوں آپ کی آنکھوں کو بدنام کیا جاۓ

دوسری طرحی غزل سے۔
اے کاش پہلے اپنے گریباں میں جھانک لیں
آئینہ آپ ہم کو دکھانے سے پیش تر

بعدازاں ضیاء شادانی صاحب نے خطبۂ صدارت سے نوازا اور مشاعرہ بخیر و خوبی انجام کو پہنچا۔

یہ مشاعرہ اب تک کئے گئے بہترین مشاعروں میں شمار کیا جانا چاہیے جن میں شرکار اور سامعین نے بھرپور دل چسپی کا مظاہرہ کرتے  ہوۓ محفل کو بامِ عروج پر پہنچا دیا۔
اس منفرد پروگرام کا سہرا چیئرمین توصیف ترنل کے ساتھ ساتھ ہر اس شخص کے سر بندھتا ہے جو کسی بھی ذریعہ سے پروگرام کا حصہ رہا۔
اس موقع پر مختار تلہری صاحب کی نظامت اور ناقدین خصوصاً شفاعت فہیم صاحب کی مستعدی کی داد نہ دینا بھی زیادتی ہوگی۔

آخر میں توجہ منصفین کی جانب مبذول رہی اور تجسس انتہا کو پہنچا کہ آخر وہ کون خوش بخت ہوگا جسے "داغ دہلوی" ایوارڈ سے نوازا جاۓ گا۔
خلافِ توقع مختصر انتظار کے بعد منصفین نے اپنے فیصلے سے آگاہ کیا اور کامیابی کا ہما جناب مختار تلہری صاحب کے سر بیٹھا اور یوں مختار تلہری صاحب "داغ دہلوی ایوارڈ" کے حقدار قرار پاۓ۔

*🌍ادارہ,عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری🌍* 
پروگرام پیش کرنے جارہا ہے 

داغ دہلوی ایوارڈ

آپ کے پاس آج شام سات بجے تک وقت ہے

نوٹ
سارے شعرا اپنی غزل برائے تنقید پیش کریں گے 

فی البدیہہ طرحی مشاعرہ شاندار پروگرام پیش خدمت ہے 

مصرع طرح: اس پھول سے چہرے کو گلفام کہا جائے
قافیہ1: گلفام، نام، آرام، دام وغیرہ
قافیہ2: کہا، دیا، لکھا، دیا وغیرہ
ردیف: جائے
افاعیل: مفعول مفاعیلن مفعول مفاعیلن

آج کے مشاعرہ کا دوسرا طرحی مصرعہ یہ ہے۔

"آئینہ ہم کو آپ دکھانے سے پیش تر"

جو احباب اس پر غزل کہنا چاہیں وہ اس پر کہیں یا اگر دونوں مصرعوں پر طبع آزمائی کا دم خم ہو تو دونوں مصرعوں پر غزل کہیں۔
ادارہ

ادارۂ ھٰذا دنیا کا واحد ادارہ ہے، جو اس برقی ترقی یافتہ دور میں شعراء,ادباء و مصنفینِ زبانِ اردو ادب کی ذہنی آبیاری کرتا ہے اور نئے نئے لسانیاتی پروگرامز منعقد کرتا ہے...
===========================
*We present 134th Unique Program*

منجانب 
انتظامیہ ادارہ
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*🌏آرگنائزر🌏*
*توصیف ترنل ہانگ کانگ*

پروگرام آئیڈیا
جناب شاہین فصیح ربانی۔ مسقط۔ عمان

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*📡 پبلشرز 📡*
محترم عثمان عاطس صاحب پاکستان
*📱ویب سائیٹ📱* onlineurdu.com
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محترم منظور قادر بھٹی صاحب
(چیف ایڈیٹر عکسِ جمہور رسالہ)
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محترم سردار امتیاز خان صاحب 
(چیف ایڈیٹر روزنامہ پرنٹاس اخبار)
=================
Dr M ragib deshmukh sb
www.scholarsimpact.com
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بانی و چیئرمین 
ادارہ,عالمی بیسٹ اردو پوئیٹری
بانی و سرپرست اعلیٰ
عالمی ماہنامہ آسمانِ ادب
توصیف ترنل
touseefturnal.blogspot.com

touseefturnal.tumblr.com

https://www.youtube.com/channel/UCvWq7-0Sdc107G-yPpoaOhA
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محترم محمد عبدالقدیر شاہد محمدی سیفی
egohater.wordpress.com
=================
محترم محمد بشیر مہتاب صاحب 
روزنامہ لازوال جموں ایڈیشن  بھارت

=================
سیدہ کوثر منور شرقپوری
ڈیلی دھنک انٹرنیشنل یوکے
www.dailydhanak.com

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Ishraq a hashmi sb web developer plus founder CEO of TV East West News

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Graphic designer
محترم داؤد حسین عطاری
بہاولپور پنجاب پاکستان

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صدارت 
جناب ضیاء شادانی صاحب۔ انڈیا

مہمانانِ خصوصی
جناب شاہین فصیح ربانی۔ مسقط۔ عمان
جناب ہمراز اوچوی قادری صاحب۔ پنجاب۔ پاکستان

نظامت 
محترم مختار تلہری صاحب 

رپورٹ 
جناب علی مزمل۔ کراچی۔ پاکستان

ناقد
محترم شفاعت فہیم صاحب بھارت

حمدِ باری تعالی ﷻ:
محترم مختار تلہری صاحب 

نعتِ شافعِ محشر ﷺ:
محترم مختار تلہری صاحب 
نصیر حشمت گرواہ

===========================
جناب عبدالحمید ابنِ ربانی صاحب مانسہرہ۔ پاکستان

جناب مختار تلہری صاحب۔ بریلی اترپردیش۔ انڈیا

جناب اشرف علی اشرف صاحب۔ سندھ۔ پاکستان

محترم قاضی جلال صاحب  کیلیفورنیا، امریکہ

محترمہ ڈاکٹر مینا نقوی۔۔۔مراداباد۔۔بھارت

محترم سراج گلاؤٹھوی صاحب بھارت 

جناب علی مزمل۔ کراچی۔ پاکستان
محترمہ ثمینہ ابڑو صاحبہ پاکستان